हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह रिवायत “बिहार उल-अनवार” किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیهالسلام:
«ما مِن مُؤمِنٍ یَشرَبُ الماءَ وَ یَذکُرُ الحُسَینَ (علیهالسلام) وَ یَلعَنُ قاتِلَهُ، إلّا کَتَبَ اللّٰهُ لَهُ مِائةَ ألفِ حَسَنَةٍ، وَ حَطَّ عَنهُ مِائةَ ألفِ سَیِّئَةٍ، وَ رَفَعَ لَهُ مِائةَ ألفِ دَرَجَةٍ، وَ کَأنَّما أعتَقَ مِائةَ ألفِ نَسَمَةٍ، وَ حَشَرَهُ اللّٰهُ مَعَ الحُسَینِ (علیهالسلام).»
इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने फ़रमाया:
कोई भी ऐसा मोमिन नहीं है जो पानी पीते हुए इमाम हुसैन (अ) को याद करे और उनके हत्यारों लानत न करता हो, लेकिन अल्लाह तआला उसके लिए एक लाख नेकियाँ लिखता है, एक लाख गुनाह मिटाता है, उसे एक लाख दर्जे ऊपर उठाता है, जैसे उसने एक लाख गुलामों को आज़ाद कर दिया हो, और यहाँ तक कि उसे आख़िरत में इमाम हुसैन (अ) के साथ महशूर करता है।
बिहार-उल-अनवार, भाग 44, पेज 193
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